Sunday 5 August 2012

मन गोजीरा राणा

मन गोजीरा राणा
मन सोजीरा प्राणा
मन सुख..दुख: फ़ोल
जीवा नाही तुला मोल

मन भरकटले तारु..
मन जाई ना माघारु..
मन फ़ाटले आकाश.
जीवा लागलेला फ़ास..

मन आक्रंदुन जाइ..
मन शोक वाही वाही..
मना खंतावल्या ज्वाळा..
जीवा लागे प्रेतकळा..

मन कल्लोळी जळे..
मन थरकांपी पळे
मन विझलेली चिता
जीवा जारे जारे आता...

?
३०.७.२०१२

No comments:

Post a Comment